Surya

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।। 

महादेव, जय माँ विन्ध्यवासिनी, ऊँ गणेशायः नमः


ना आदि ना अंत है उसका।
वो सबका, न इनका उनका।
वही शून्य है, वही इकाई।
जिसके भीतर बसा शिवायः।


आँख मूंदकर देख रहा है।
साथ समय के खेल रहा है।
महादेव महाएकाकी।
जिसके लिए जगत है जाकी।


वही शून्य है, वही इकाई।
जिसके भीतर बसा शिवायः।


राम भी उसका, रावण उसका।
जीवन उसका, मरण भी उसका।
तांडव है, और ध्यान भी वो है।

अज्ञानी का ज्ञान भी वो है।

इसको काँटा लगे न कंकर।
रण में रूद्र, घरों में शंकर।

अंत यही सारे विघ्नों का।
इस भोले का वार भयंकर।


वही शून्य है, वही इकाई।
जिसके भीतर बसा शिवायः।





Na aadi na ant hai uska.

Wo sabka na inka unka
wahi soonya hai wahi ikaai
jiske bheetar basa shivay

aankh moondkar dekh raha hai
sath samay ke khel raha hai
mahadev maha ekaki
jiske liye jagat hai saaki


wahi soonya hai wahi ikaai
jiske bheetar basa shivay

raam bhi uska raavan uska
jeevan uska, maran bhi uska
tandav hai, aur dhayan bhi wo hai
agyani ka gyan bhi wo hai


isko kaanta lage na kankar
ran me roodra, gharo me shankar
ant yahi saare vighno ka
is bhole ka waar bhayankar

wahi soonya hai wahi ikaai
jiske bheetar basa shivay.


19 Responses

  1. Unknown Says:

    नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
    नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।। महादेव, जय माँ विन्ध्यवासिनी, ऊँ गणेशायः नमः





  2. बहुत सुंदर है ये कविता






  3. Unknown Says:

    AMAZING, AWESOME GREAT SHAYRI NEVER SEEN BEFORE,

    THANKS


  4. Unknown Says:

    Raam Uska, Raavan Bhi Uska, Jeevan Uska Maran Bhi Uska, Tandav Hai Aur Dhyaan Bhi Vo Hai, Agyani Ka Gyaan Bhi Vo Hai...


  5. Unknown Says:

    Bhaiya iska answer app btaiye hmko plzz?? Hindi me iska arth??



  6. नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

    नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय।।

    महादेव, जय माँ विन्ध्यवासिनी, ऊँ गणेशायः नमः


    ना आदि ना अंत है उसका।
    वो सबका, न इनका उनका।
    वही शून्य है, वही इकाई।
    जिसके भीतर बसा शिवायः।


    आँख मूंदकर देख रहा है।
    साथ समय के खेल रहा है।
    महादेव महाएकाकी।
    जिसके लिए जगत है जाकी।

    वही शून्य है, वही इकाई।
    जिसके भीतर बसा शिवायः।

    राम भी उसका, रावण उसका।
    जीवन उसका, मरण भी उसका।
    तांडव है, और ध्यान भी वो है।
    अज्ञानी का ज्ञान भी वो है।

    इसको काँटा लगे न कंकर।
    रण में रूद्र, घरों में शंकर।
    अंत यही सारे विघ्नों का।
    इस भोले का वार भयंकर।

    वही शून्य है, वही इकाई।
    जिसके भीतर बसा शिवायः।


  7. Unknown Says:

    हे महेश्वर! आप नागराज को हार स्वरूप धारण करने वाले हैं। हे (तीन नेत्रों वाले) त्रिलोचन, आप भस्म से अलंकृत, नित्य (अनादि एवं अनंत) एवं शुद्ध हैं। अम्बर को वस्त्र समान धारण करने वाले दिगम्बर शिव, आपके 'न' अक्षर द्वारा जाने वाले स्वरूप को नमस्कार है।



  8. Bhima Vikrama prabhu Vichitra tandava priyam, Kashika puradhi nath kala vairabam bhaje

    Kalavairavastakam pathanti ye manoharam, Gyana mukti sadhanam vichitra punya vardhanam

    Soka moha dainya lobha kopa tapa nashanam
    Praganti kala vairabagni sinnidhi nara dhruvam

    Kashika puradhi nath kala vairabam bhaje


  9. Aeing Kring Kring Khim Khim Khichi Khichi Bhootnathaya Khim Khim Phat


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