Surya
बगिया बगिया बालक भागे
तितली फिर भी हाथ ना लागे
इस पगले को कौन बताए
ढूंढ रहा है जो तू जग में
कोइ जो पाए तो मन में ही पाए

सपनों से भरे नैना
तू नींद है न चैना

ऐसी डगर कोई अगर जो अपनाए
हर राह के वो अंत पे रास्ता ही पाए
दूप का रस्ता जो  पैर जलाए
मोड़ तो आए पर चाव न आये
राही जो चलता है चलता ही जाए
कोई नहीं है जो कहीं उसे समझाए

सपनो से भरे नैना
तू नींद है न चैना-२

नैना रे..........................
नैना रे........................

सा ध पा मा गा मा पा ध

दूर ही से सागर जिसे हर कोई माने
पानी है वो या रेत है ये कौन जाने
जैसे के  दिन से रैन अलग है
सुख है अलग और चैन अलग है
पर जो ये देखे वो  नैन अलग है
चैन तो है अपना सुख है पराए

सपनो से भरे नैना
तू नींद है है या चैना
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