हर तरफ़ बौने ही दिख रहें हैं हमको तो
क्या नहीं कोई भी शमशाद तेरे शहर में
क्या नहीं कोई भी शमशाद तेरे शहर में
गीत कोई गाए या कोई सुनाए अब ग़ज़ल
अब नहीं कहता कोई इरशाद तेरे शहर में
अब नहीं कहता कोई इरशाद तेरे शहर में
यों भुलाना तुमने चाहा है हमें जब भी कभी
क्या नही ग़म की बढ़ी तादाद तेरे शहर में
क्या नही ग़म की बढ़ी तादाद तेरे शहर में
झुग्गियाँ तक भी हमारी तो जला दीं हैं [थी] गई
बस मिली हमको यही इमदाद तेरे शहर में
बस मिली हमको यही इमदाद तेरे शहर में
गूँगे बहरे हाकिमों की बज़्म में है क्या कोई
बस मिली हमको यही इमदाद तेरे शहर में
बस मिली हमको यही इमदाद तेरे शहर में
हैं सभी लुटते सरेबाज़ार अक्सर इस जगह
हम अकेले तो नहीं अपवाद तेरे शहर में
हम अकेले तो नहीं अपवाद तेरे शहर में
ढूँढ़्ने पर भी मिला कोई ठिकाना जब न 'श्याम'
आ गए तब करने दिल आबाद तेरे शहर में
आ गए तब करने दिल आबाद तेरे शहर में