खुद को इतना भी मत बचाया कर
खुद को इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हों तो भीग जाया कर
चाँद लाकर कोई नहीं देगा
अपने चेहरे से जगमगाया कर
दर्द हीरा है, दर्द मोती है
दर्द आँखों से मत बहाया कर
काम ले कुछ हसीन होंठो से
बातों-बातों मे मुस्कुराया कर
धूप मायूस लौट जाती है
छत पे कपड़े सुखाने आया कर
कौन कहता है दिल मिलाने को
कम से कम हाथ तो मिलाया कर
- शक़ील आज़मी
Khud ko Itna bhi mat bachaya kar
barishein Ho to bhig jaya kar
Chand lakar koi nnahi dega,
apane chehre se jagamagaya kar
Dard hira hai, dard moti hai
dard aakhon se mat bahaya kar
kaam le kuch haseen hothon se
bataon baton me mushkaraya kar
dhoop mayoos laut jaati hai
chat pe kapde sukhane aaya kar
kaun kahata hai dil milane ko
kam se kam haat to milaya kar
--
Shaqeel Aazmi
बहुत ही सुन्दर
Bahut Khub
Fantastic 👏
Kya baat hai ♥️
अत्ति सुन्दर
Wow amazing
dil ko chu liya Sir lekin
ab to ese sahi rahega
खुद को इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हों तो भीग जाया कर
चाँद लाकर कोई नहीं देगा
अपने चेहरे से जगमगाया कर
दर्द हीरा है, दर्द मोती है
दर्द आँखों से मत बहाया कर
काम ले कुछ हसीन होंठो से
बातों-बातों मे मुस्कुराया कर
धूप मायूस लौट जाती है
छत पे कपड़े सुखाने आया कर
कौन कहता है दिल मिलाने को
कम से कम
सैनिटाइजर लगा कर हाथ तो मिलाया कर
सही कहा अपने 😝😝😝
Wahhh.... Kya baat hain
दिल को छूने वाली नज़्म
👌
Wahhh
वाह बहुत बहुत सुंदर।।
Iss Kavita ka shirshak koi batayega