Surya

खुद को इतना भी मत बचाया कर




खुद को इतना भी मत बचाया कर
बारिशें हों तो भीग जाया कर

चाँद लाकर कोई नहीं देगा
अपने चेहरे से जगमगाया कर

दर्द हीरा है, दर्द मोती है
दर्द आँखों से मत बहाया कर

काम ले कुछ हसीन होंठो से
बातों-बातों मे मुस्कुराया कर

धूप मायूस लौट जाती है
छत पे कपड़े सुखाने आया कर

कौन कहता है दिल मिलाने को
कम से कम हाथ तो मिलाया कर

- शक़ील आज़मी

Khud ko Itna bhi mat bachaya kar
barishein Ho to bhig jaya kar

Chand lakar koi nnahi dega,
apane chehre se jagamagaya kar

Dard hira hai, dard moti hai
dard aakhon se mat bahaya kar

kaam le kuch haseen hothon se
bataon baton me mushkaraya kar

dhoop mayoos laut jaati hai
chat pe kapde sukhane aaya kar

kaun kahata hai dil milane ko
kam se kam haat to milaya kar

--
Shaqeel Aazmi
14 Responses
  1. Unknown Says:

    बहुत ही सुन्दर





  2. Unknown Says:

    अत्ति सुन्दर




  3. dil ko chu liya Sir lekin
    ab to ese sahi rahega
    खुद को इतना भी मत बचाया कर
    बारिशें हों तो भीग जाया कर

    चाँद लाकर कोई नहीं देगा
    अपने चेहरे से जगमगाया कर

    दर्द हीरा है, दर्द मोती है
    दर्द आँखों से मत बहाया कर

    काम ले कुछ हसीन होंठो से
    बातों-बातों मे मुस्कुराया कर

    धूप मायूस लौट जाती है
    छत पे कपड़े सुखाने आया कर

    कौन कहता है दिल मिलाने को
    कम से कम
    सैनिटाइजर लगा कर हाथ तो मिलाया कर


  4. Unknown Says:

    सही कहा अपने 😝😝😝



  5. दिल को छूने वाली नज़्म



  6. बेनामी Says:

    Wahhh


  7. बेनामी Says:

    वाह बहुत बहुत सुंदर।।


  8. बेनामी Says:

    Iss Kavita ka shirshak koi batayega


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