Surya
हँसा जोर से
तो दुनिया बोली,
"इसका पेट भरा है"।

और फूट कर रोया जब
तो दुनिया बोली,
"नाटक है नखरा है"।

चुप रह गया,
तो लगाई तोहमद घमंड की,
कभी नही समझी वह,
इसके भीतर कितना दर्द भरा है।

दोस्त कठिन है यहाँ किसी
को अपनी पीड़ा समझाना,
दर्द उठे तो सुने पथ पर
पाँव बढ़ाना चलते जाना।
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