Surya
सत्य क्या है?

होना या न होना?

या दोनों ही सत्य हैं?

जो है, उसका होना सत्य है,

जो नहीं है, उसका न होना सत्य है।

मुझे लगता है कि

होना-न-होना एक ही सत्य के

दो आयाम हैं,

शेष सब समझ का फेर,

बुद्धि के व्यायाम हैं।

किन्तु न होने के बाद क्या होता है,

यह प्रश्न अनुत्तरित है।



प्रत्येक नया नचिकेता,

इस प्रश्न की खोज में लगा है।

सभी साधकों को इस प्रश्न ने ठगा है।

शायद यह प्रश्न, प्रश्न ही रहेगा।

यदि कुछ प्रश्न अनुत्तरित रहें

तो इसमें बुराई क्या है?

हाँ, खोज का सिलसिला न रुके,

धर्म की अनुभूति,

विज्ञान का अनुसंधान,

एक दिन, अवश्य ही

रुद्ध द्वार खोलेगा।

प्रश्न पूछने के बजाय


यक्ष स्वयं उत्तर बोलेगा।
1 Response
  1. Unknown Says:

    mri bhi jigyasa yahi ha hai ki akhir satya kya hai ? kya wartman me hume jo apne aas paas akhon se dikhai deta hai kya vahi satya hai.
    ya kahe phir jo hame dikhai nahi deta kya wo satya hai .
    to phir ishwar kya hai jo ki hame to dikhai hi nahi padta to,, kya wo satya hai....?


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